Shri Krishna Quote

भगवान श्रीकृष्ण के अनमोल वचन: Lord Krishna Quotes in Hindi

भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश सदियों से जीवन को सही दिशा देने और आत्मिक शांति प्राप्त करने की प्रेरणा देते रहे हैं। “Lord Krishna Quotes in Hindi” के माध्यम से हम उनकी शिक्षाओं से जुड़ सकते हैं, जो जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख Lord Krishna Quotes in Hindi प्रस्तुत हैं जो कर्तव्य, प्रेम, समर्पण और आत्म-साक्षात्कार का संदेश देते हैं।


1. कर्म पर ध्यान केंद्रित करो

“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।”
अर्थ: “तुम्हें केवल अपने कर्म करने का अधिकार है, फल की चिंता मत करो।”

यह Lord Krishna Quote in Hindi हमें सिखाता है कि हमें अपने कार्य पर ध्यान देना चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह जीवन का आधार है कि बिना किसी अपेक्षा के अपना कर्तव्य निभाएं।


2. मन की शांति ही सबसे बड़ा सुख है

“शांतिः परम् सुखम्।”
अर्थ: “शांति ही परम सुख है।”

श्रीकृष्ण के अनुसार सच्चा सुख तब मिलता है जब मन शांत हो। बाहरी चीज़ों में सुख खोजने के बजाय हमें अपने भीतर की शांति पर ध्यान देना चाहिए। यह Lord Krishna Quote in Hindi हमें यह याद दिलाता है।


3. आत्म-साक्षात्कार ही सच्चा ज्ञान है

“ज्ञानी तु आत्मैव मे मतम्।”
अर्थ: “ज्ञानी मुझे अपने आत्मा में ही देखते हैं।”

Lord Krishna Quotes in Hindi में से यह उद्धरण हमें अपने भीतर दिव्यता को देखने की प्रेरणा देता है। सच्चा ज्ञान तभी प्राप्त होता है जब हम अपने भीतर की ताकत को पहचानते हैं।


4. प्रेम और करुणा का मार्ग अपनाओ

“सर्वभूतहिते रताः।”
अर्थ: “जो सभी प्राणियों के कल्याण में रुचि रखते हैं।”

यह Lord Krishna Quote in Hindi हमें सिखाता है कि सभी के प्रति करुणा का भाव रखना चाहिए। हर कार्य में दूसरों का भला ही असल धर्म है।


5. समानता ही सच्ची योग है

“समानत्वं योग उच्यते।”
अर्थ: “समानता ही योग है।”

श्रीकृष्ण के अनुसार सच्चा योग वही है जिसमें हम सभी के प्रति समान भाव रखें। यह Lord Krishna Quote in Hindi हमें जीवन में संतुलन और समानता बनाए रखने का मार्ग दिखाता है।


भगवान श्रीकृष्ण के ये Lord Krishna Quotes in Hindi जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं और हमें एक शांतिपूर्ण, कर्तव्यनिष्ठ, और आत्म-उन्नति की ओर प्रेरित करते हैं।

6. आत्म-नियंत्रण द्वारा ही विजय संभव है

“उद्धरेदात्मनात्मानं नात्मानमवसादयेत।”
अर्थ: “अपने ही प्रयासों से स्वयं को ऊपर उठाओ, अपने आप को नीचे गिरने न दो।”

यह वचन हमें याद दिलाता है कि हमारी उन्नति या अवनति हमारे ही हाथ में है। आत्म-नियंत्रण और आत्म-शक्ति से हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं और एक ऊँचा जीवन जी सकते हैं।


7. चिंता नहीं, समर्पण करो

“सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।”
अर्थ: “सभी प्रकार के धर्मों को छोड़कर मेरी शरण में आओ।”

श्रीकृष्ण का यह उपदेश हमें पूर्ण आत्मसमर्पण की शक्ति को समझने के लिए प्रेरित करता है। जब हम भगवान पर पूरी तरह भरोसा करते हैं, तो सभी चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं और सच्ची शांति प्राप्त करते हैं।


8. अपने लक्ष्य पर स्थिर रहो

“योगः कर्मसु कौशलम्।”
अर्थ: “कर्म में कुशलता ही योग है।”

कृष्ण का यह वचन बताता है कि हमें हर कार्य में अपनी पूरी कुशलता और मनोयोग के साथ लगना चाहिए। जब हम अपने कार्य में उत्कृष्टता लाते हैं, तो वह कार्य भी हमें ईश्वर से जोड़ने का माध्यम बन जाता है।


9. लोभ से दूर रहो

“लोभ ही सबसे बड़ा शत्रु है।”

भगवान कृष्ण का यह उपदेश हमें बताता है कि जीवन में संतोष और शांति पाने के लिए लोभ से दूर रहना बहुत आवश्यक है। लोभ से केवल अशांति और दुःख मिलता है, जबकि संतोष से आत्मिक शांति और संतुष्टि प्राप्त होती है।


10. विश्वास और धैर्य का महत्व

“जो भी होता है अच्छे के लिए होता है।”

कृष्ण का यह वचन हमें सिखाता है कि हर परिस्थिति में ईश्वर की मर्जी पर भरोसा रखें। यदि हमारे जीवन में कोई कठिनाई आती है, तो वह भी हमें कुछ सिखाने के लिए आती है, और अंततः हमें उस अनुभव से लाभ ही होता है।

More Articles & Posts